• हड्डियाँ (Bones) या अस्थियाँ रीढ़धारी जीवों का वह कठोर अंग है जो अन्तःकंकाल का निर्माण करती हैं।
• हड्डियाँ शरीर को चलाने (स्थानांतरित करने), सहारा देने और शरीर के विभिन्न अंगों की रक्षा करने मे सहायता करती हैं साथ ही यह लाल और सफेद रक्त कोशिकाओं का निर्माण करने और खनिज लवणों का भंडारण का कार्य भी करती हैं।
• अस्थियाँ विभिन्न आकार और आकृति की होने के साथ वजन मे हल्की पर मजबूत होती हैं। इनकी आंतरिक और बाहरी संरचना जटिल होती है।
• अस्थि निर्माण का कार्य करने वाले प्रमुख ऊतकों मे से एक उतक को खनिजीय अस्थि ऊतक, या सिर्फ अस्थि ऊतक भी कहते हैं और यह अस्थि को कठोरता और मधुकोशीय त्रिआयामी आंतरिक संरचना प्रदान करते हैं। अन्य प्रकार के अस्थि ऊतकों मे मज्जा, अन्तर्स्थिकला और पेरिओस्टियम, तंत्रिकायें, रक्त वाहिकायें और उपास्थि शामिल हैं।
• वयस्क मानव के शरीर में 206 हड्डियों होती हैं वहीं एक शिशु का शरीर 270 अस्थियों से मिल कर बनता है।
• पेशियाँ (Muscle) प्राणियों का आकुंचित होने वाला (contractile) ऊतक है। इनमें आंकुंचित होने वाले सूत्र होते हैं जो कोशिका का आकार बदल देते हैं। पेशी कोशिकाओं द्वारा निर्मित उस ऊतक को पेशी ऊतक कहा जाता है जो समस्त अंगों में गति उत्पन्न करता है।
• शरीर में तीन प्रकार की पेशियाँ पाई जाती है :रेखांकित (skeletal), अरेखांकित (smooth) और हार्दिकी (cardiac)
• मनुष्य के शरीर में 40 प्रतिशत भाग पेशियों का होता है।
• पेशीतंत्र (मस्क्युलर सिस्टम) में केवल ऐच्छिक पेशियों की गणना की जाती है, जो अस्थियों पर लगी हुई हैं तथा जिनके संकुचन से अंगों की गति होती है और शरीर हिल-डुल तथा चल सकता है।
• सामान्य मानव में लगभग 640 कंकाल पेशियाँ हैं। लगभग प्रत्येक पेशी की जोड़ीदार पेशी भी होती है - इस प्रकार लगभग 320 पेशियों के जोड़े मानव शरीर में हैं।
• दाँत (tooth) मुख की श्लेषिमक कला के रूपांतरित अंकुर या उभार हैं, जो चूने के लवण से संसिक्त होते हैं। दाँत का काम है पकड़ना, काटना, फाड़ना और चबाना। कुछ जानवरों में ये कुतरने (चूहे), खोदने (शूकर), सँवारने (लीमर) और लड़ने (कुत्ते) के काम में भी आते हैं।
• दाँत की दो पंक्तियाँ होती हैं: मैक्सिलरी (maxillar), ऊपर के जबड़े में, मैंडिब्युलर (mandibular), निचले जबड़े में।
• बच्चे में 20, जबकि वयस्क में 32 दांत होते हैं ।
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