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=> ग्रीनपार्क स्टेडियम – कानपुर
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=> सरदार पटेल स्टेडियम – अहमदाबाद
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=> ईडन गार्डन – कोलकाता
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=> नेहरू स्टेडियम – इंदौर / पूणे
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=> ब्रेर्बोन स्टेडियम – मुंबई
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=> चेपक व चिदम्बरम् स्टेडियम – चेन्नई
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=> मोतीबाग स्टेडियम – बड़ौदरा
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=> ध्यानचंद स्टेडियम – लखनऊ
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=> रूपसिंह स्टेडियम – ग्वालियर
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=> जवाहर लाल नेहरू स्टेडियम – नई दिल्ली (प्रथम ग्रीन स्टेडियम)
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=> मोहिनुल हक स्टेडियम – पटना
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=> लाल बहादुर शास्त्री स्टेडियम – हैदराबाद
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=> फिरोजशाह कोटला स्टेडियम – नई दिल्ली
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=> चिन्नास्वामी स्टेडियम – बंगलुरु
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=> मोटेरा स्टेडियम – अहमदाबाद
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=> वानखेड़े स्टेलियम – मुंबई
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=> बारामती स्टेडियम – कटक
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=> गांधी ग्राउंड स्टेडियम – अमृतसर
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🔯🔯🔯🔯🔯🔯🔯🔯🔯🔯🔯🔯🔯 1-बिगरी बात बने नहीं, लाख करो किन कोय. रहिमन फाटे दूध को, मथे न माखन होय. अर्थ : मनुष्य को सोचसमझ कर व्यवहार करना चाहिए,क्योंकि किसी कारणवश यदि बात बिगड़ जाती है तो फिर उसे बनाना कठिन होता है, जैसे यदि एकबार दूध फट गया तो लाख कोशिश करने पर भी उसे मथ कर मक्खन नहीं निकाला जा सकेगा. 🔯🔯🔯🔯🔯🔯🔯🔯🔯🔯🔯🔯🔯 2-रहिमन धागा प्रेम का, मत तोरो चटकाय. टूटे पे फिर ना जुरे, जुरे गाँठ परी जाय. अर्थ : रहीम कहते हैं कि प्रेम का नाता नाज़ुक होता है. इसे झटका देकर तोड़ना उचित नहीं होता. यदि यह प्रेम का धागा एक बार टूट जाता है तो फिर इसे मिलाना कठिन होता है और यदि मिल भी जाए तो टूटे हुए धागों के बीच में गाँठ पड़ जाती है. 🔯🔯🔯🔯🔯🔯🔯🔯🔯🔯🔯🔯🔯 3-रहिमन देखि बड़ेन को, लघु न दीजिए डारि. जहां काम आवे सुई, कहा करे तरवारि. अर्थ : रहीम कहते हैं कि बड़ी वस्तु को देख कर छोटी वस्तु को फेंक नहीं देना चाहिए. जहां छोटी सी सुई काम आती है, वहां तलवार बेचारी क्या कर सकती है? 🔯🔯🔯🔯🔯🔯🔯🔯🔯🔯🔯🔯🔯 4-रूठे सुजन मनाइए, जो रूठे सौ ब...
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