Skip to main content

नदियो से जुड़े प्रश्न और उत्तर

● भारत की पवित्र नदी कौन-सी है— गंगा
● गंगा को बांग्लादेश में किस नाम से जाना जाता है— पद्मा
● गंगा एवं ब्रह्मपुत्र की संयुक्त जलधारा किस नाम से जानी जाती है— मेघना
● भारत की कौन-सी नदी सुंदरवन डेल्टा बनाती है— गंगा व ब्रह्मपुत्र
● सांगपो नदी किस राज्य से होकर भारत में प्रवेश करती है— अरुणाचल प्रदेश
● तवा किसकी सहायक नदी है— नर्मदा
● किस नदी को ‘बिहार का शोक’ कहा जाता है— कोसी
● कौन-सी नदी ‘बगाल का शोक’ कही जाती है— दामोदर नदी
● कौन-सी नदी भ्रंश दोणी से होकर बहती है— नर्मदा
● हाल ही में केंद्र सरकार ने किस नदी को राष्ट्रीय दर्जा देने की घोषणा की है— गंगा
● प्रायद्वीपीय भारत की सबसे बड़ी नदी कौन-सी है— गोदावरी
● भारत में बहने के अनुसार भारत की सबसे लंबी नदी कौन-सी है— गंगा
● कावेरी नदी कहाँ गिरती है— बंगाल की खाड़ी में
● पंजाब के निर्माण में सबसे महत्वपूर्ण नदी कौन-सी है— सिंधु
● कौन-सी नदी पश्चिम की ओर बहती है और अरब सागर में गिरती है— नर्मदा
● कौन-सी दो नदियों की लंबाई लगभग समान है— सिंधु (2880 किमी) व ब्रह्मपुत्र (2900 किमी)
● कावेरी जल विवाद किन राज्यों के बीच है— कर्नाटक और तमिलनाडु
● किस नदी को वृहद् गंगा के नाम से जाना जाता है— गोदावरी
● कौन-सी नदी अपना मार्ग बदलने के लिए प्रसिद्ध है— कोसी
● कौन-सी नदी ‘कपिल जलधारा प्रपात’ का निर्माण करती है— नर्मदा
● कौन-सी नदी ‘ओड़िशा का शोक’ कही जाती है— ब्राह्मणी
● वैन गंगा और पैन गंगा किस की सहायक नदी हैं— गोदावरी
● इंडोब्रह्मा है एक….. —पौराणिक नदी
● किस नदी पर सबसे लंबा सड़क पुल है— गंगा
● कौन-सी नदी विश्व का सबसे बड़ा द्वीप ‘मजुली’ बनाती है— ब्रह्मपुत्र
● नर्मदा नदी का अधिकांश भाग भारत के किस राज्य में बहता है— मध्य प्रदेश
● नदियों को जोड़ने की योजना किसके शासन काल में प्रस्तातिव हुई— राजग सरकार
● कौन-सी नदी रिफ्ट घाटी से होकर बहती है— ताप्ती
● कौन-सी नदी पर भारत व पाकिस्तान का जल समझौता हुआ— सिंधु
● सिंधु समझौते के अनुसार भारत सिन्धु नदी के कितने % जल का प्रयोग कर सकता है— 20%
● प्रायद्वीपीय नदियों का उत्तर से दक्षिण की ओर क्रम क्या है— महानदी, गोदावरी, कृष्णा, पेन्नार, कावेरी एवं वैगाई
● कौन-सी नदी भारत के केवल जम्मू-कश्मीर राज्य से होकर बहती है— सिंधु नदी
● पंचगंगा तथा दूधगंगा किसकी सहायक नदियाँ है— कृष्णा नदी
● दामोदर नदी कहाँ से निकलती है— छोटा नागपुर के पठार से
● दक्षिणी भारत के पठारी प्रदेशों को कौन-सी नदी दो भागों में विभाजित करती है— नर्मदा नदी
● शिप्रा नदी किसकी सहायक नदी है— चंबल नदी
● भारत की कौन-सी नदी का मुहाना एवं उद्गम स्थल दोनों भारत में ही है— दक्षिण की ओर
● किस नदी के किनारे पर प्रसिद्ध महाकालेश्वर मंदिर है— नर्मदा नदी
● विश्व का सबसे बड़ा डेल्टा किन नदियाँ द्वारा निर्मित होता हैं— गंगा एवं ब्रह्मपुत्र द्वारा
● किस स्थान पर भागीरथी और अलकनंदा मिलकर गंगा का निर्माण करती है— देवप्रयाग में
● अरावली पर्वत श्रृंखला किस नदी प्रणाली से विभाजित होती है— चंबल एवं साबरमती
● लूनी नदी कहाँ गिरती है— कच्छ का रन
● तिब्बत में मानसरोवर झील के पास से कौन-सी नदियां निकलती हैं— सतलज, सिंधु, ब्रह्मपुत्र
● कौन-सी मुख्य प्रायद्वीपीय नदियां डेल्टा का निर्माण नहीं करती हैं— नमर्दा एवं ताप्ती
● कौन-सी नदी बांग्लादेश में जमुना के नाम से जानी जाती है— ब्रह्मपुत्र
● किस नदी को दूसरी गंगा के नाम से जाना जाता है— कावेरी नदी को
● पेन्नार की सहायक नदियाँ कौन-सी है— पापाधनी एवं चित्रावती

Comments

Popular posts from this blog

रहीम दास जी के 15 प्रसिद्ध दोहे हिंदी अर्थ सहित

          🔯🔯🔯🔯🔯🔯🔯🔯🔯🔯🔯🔯🔯 1-बिगरी बात बने नहीं, लाख करो किन कोय. रहिमन फाटे दूध को, मथे न माखन होय. अर्थ : मनुष्य को सोचसमझ कर व्यवहार करना चाहिए,क्योंकि किसी कारणवश यदि बात बिगड़ जाती है तो फिर उसे बनाना कठिन होता है, जैसे यदि एकबार दूध फट गया तो लाख कोशिश करने पर भी उसे मथ कर मक्खन नहीं निकाला जा सकेगा. 🔯🔯🔯🔯🔯🔯🔯🔯🔯🔯🔯🔯🔯 2-रहिमन धागा प्रेम का, मत तोरो चटकाय. टूटे पे फिर ना जुरे, जुरे गाँठ परी जाय. अर्थ : रहीम कहते हैं कि प्रेम का नाता नाज़ुक होता है. इसे झटका देकर तोड़ना उचित नहीं होता. यदि यह प्रेम का धागा एक बार टूट जाता है तो फिर इसे मिलाना कठिन होता है और यदि मिल भी जाए तो टूटे हुए धागों के बीच में गाँठ पड़ जाती है. 🔯🔯🔯🔯🔯🔯🔯🔯🔯🔯🔯🔯🔯 3-रहिमन देखि बड़ेन को, लघु न दीजिए डारि. जहां काम आवे सुई, कहा करे तरवारि. अर्थ : रहीम कहते हैं कि बड़ी वस्तु को देख कर छोटी वस्तु को फेंक नहीं देना चाहिए. जहां छोटी सी सुई काम आती है, वहां तलवार बेचारी क्या कर सकती है? 🔯🔯🔯🔯🔯🔯🔯🔯🔯🔯🔯🔯🔯 4-रूठे सुजन मनाइए, जो रूठे सौ ब...

कबीरदास जी के 15 प्रसिद्ध दोहे हिंदी अर्थ सहित

🔯🔯🔯🔯🔯🔯🔯🔯🔯🔯🔯🔯 1-बुरा जो देखन मैं चला, बुरा न मिलिया कोय, जो दिल खोजा आपना, मुझसे बुरा न कोय। ➡अर्थ : जब मैं इस संसार में बुराई खोजने चला तो मुझे कोई बुरा न मिला. जब मैंने अपने मन में झाँक कर देखा तो पाया कि मुझसे बुरा कोई नहीं है. 🔯🔯🔯🔯🔯🔯🔯🔯🔯🔯🔯🔯 2-तिनका कबहुँ ना निन्दिये, जो पाँवन तर होय, कबहुँ उड़ी आँखिन पड़े, तो पीर घनेरी होय। ➡अर्थ : कबीर कहते हैं कि एक छोटे से तिनके की भी कभी निंदा न करो जो तुम्हारे पांवों के नीचे दब जाता है. यदि कभी वह तिनका उड़कर आँख में आ गिरे तो कितनी गहरी पीड़ा होती है ! 🔯🔯🔯🔯🔯🔯🔯🔯🔯🔯🔯🔯 3-बोली एक अनमोल है, जो कोई बोलै जानि, हिये तराजू तौलि के, तब मुख बाहर आनि। ➡अर्थ : यदि कोई सही तरीके से बोलना जानता है तो उसे पता है कि वाणी एक अमूल्य रत्न है। इसलिए वह ह्रदय के तराजू में तोलकर ही उसे मुंह से बाहर आने देता है. 🔯🔯🔯🔯🔯🔯🔯🔯🔯🔯🔯🔯 4-अति का भला न बोलना, अति की भली न चूप, अति का भला न बरसना, अति की भली न धूप। ➡अर्थ : न तो अधिक बोलना अच्छा है, न ही जरूरत से ज्यादा चुप रहना ही ठीक है. जैसे बहुत अधिक वर्षा भी अच्छ...

Contact us

Hello               If u want to contact us regarding any QUIERY , suggestions , question or any other problem please contact us on our  ON OUR FACEBOOK PAGE  FACEBOOK PAGE